रक्षा बंधन

राखी के धागों से बंधता
है सुहाना ये बंधन
भाई और बहन के प्रेम से
रंगता है ये बंधन
राखी के धागों में पिरोयी
बहन ने है ये दुआ
रहे सलामत भैया का जीवन
ढेरों खुशियों से भरा
हो सफल हर राह में तू
छू ले ऊंचा आसमान
जीवन सागर हो सदा
तेरा सुख के मोतियों से भरा
नाज़ुक कोमल कछे से होते
राखी के हर एक धागे
हर भाई बहन के दिलो में
बंधन ये पक्के बांधे
भाई भाभी के लाद दुलार में
दिखते है मातपिता
ये ऐसा प्रेमामृत है जो
हारे को भी दे जीता
“”रक्षा~बंधन”” तो है लगता
यमराजा को भी प्यारा
जग को बांधने वाला बंधाये
मेरा “मन मोह”” प्यारा

शारदा हिम्मत भवानी
देवेंहलल्ली बैंगलोर
कच्छ मा रसलिया

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